अध्यात्मिक साधना एवं पूजन सामग्री
|| तंत्रोक्त हवन सेट एवं विधि ||

|| हवन क्या है और शास्त्रोक्त हवन क्यों आवश्यक है ? ||
नित्य यज्ञ और हवन सनातन धर्म के महान कर्मकांड हैं, जो जीवन में धर्म, शांति और सुख का संचार करते हैं। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पर्यावरण, समाज और आत्मा की शुद्धि का माध्यम है। नित्य यज्ञ और हवन का नियमित अभ्यास प्रत्येक व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक उन्नति प्रदान करता है। यज्ञ से दिव्य उर्जा उत्पन्न होकर नकारात्मक तत्वों का संहार करती है!
यदि शास्त्रोक्त यज्ञ कुंड में, शास्त्रोक्त शुद्ध मंत्रो, विधि द्वारा यज्ञ किया जाये तो साधक शीघ्र ही शुभ परिणाम अनुभव करता है !
|| धर्मशास्त्रों में यज्ञ ? ||
महाभारत शांतिपर्व (90.28) :
यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म।
अर्थ : ( यज्ञ सभी कर्मों में श्रेष्ठतम है। )
महाभारत (वनपर्व, 96.9):
यज्ञो विघ्नं प्राप्नोति दैवयोगेन वा पुनः। अविधिना कृतो यज्ञः प्रेत्य भवति निष्फलः॥
अर्थ : ( यज्ञ यदि विधिवत् न किया जाए या उसमें दैविक विघ्न आ जाए, तो वह निष्फल हो जाता है और प्रेत (असुर) को प्राप्त होता है। )
भगवद्गीता (अध्याय 3, श्लोक 11) :
देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः। परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ॥
अर्थ : ( यज्ञ के माध्यम से देवताओं को संतुष्ट करो, और वे तुम्हें आशीर्वाद देंगे। इस प्रकार पारस्परिक सहयोग से परम कल्याण प्राप्त होगा। )
भागवत महपुराण (4.19.4) :
यज्ञार्थे कर्मणोऽन्यत्र लोकोऽयं कर्मबन्धनः।
अर्थ : ( केवल यज्ञ के लिए किए गए कर्म ही मुक्तिदायक हैं। अन्यथा कर्म बंधन का कारण बनते हैं। )
श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी द्वारा संशोधित शास्त्रोक्त हवन विधि विधान के साथ हवन करने हेतु "यज्ञ हवन सेट एवं शास्त्रोक्त हवन विधि" आश्रम द्वारा ऑनलाइन उपलब्ध है , जिसे श्रध्दालु ऑनलाइन पंजीकरण कर प्राप्त कर सकते है !
हवन सेट प्राप्ति हेतु स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम के निम्नलिखित माध्यम से दक्षिणा जमा करे अथवा https://brahmavadini.in/ से ऑनलाइन BOOK कर सकते है |
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विशेष सुचना : BRAHMAVADINI SPIRITUAL SERVICES PVT LTD श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक सेवाएँ प्रदान करने हेतु एवं धार्मिक शुध्द एवं शास्त्रोक्त शुद्ध पूजन सामग्री उपलब्ध कराने हेतु आश्रम सहयोगी सदस्यों द्वारा संचालित एक समूह प्रकल्प ( COMPANY ) है ! इस विषय को जानने हेतु https://brahmavadini.in/ वेबसाइट देख सकते है ! साथ ही जो भी श्रध्दालु इस समूह प्रकल्प के साथ जुड़ना चाहते है, सहयोगी अथवा निवेशक बनाना चाहते है , वे Mo.No. 9565119993 पर कॉल अथवा व्हाट्सएप मेसेज कर सकते है !
1. यज्ञ कुण्ड सेट एवं विधि पुस्तक : (ताम्बा / Copper)
यज्ञ कुंड (जिसे हवन कुंड या अग्नि कुंड भी कहा जाता है) यह देवताओं व दिव्य शक्तियों को अर्पण (आहुति) देने का प्रमुख केंद्र होता है। यज्ञ कुंड को वैदिक नियमों के अनुसार तैयार किया जाता है ताकि अनुष्ठान शुद्धता और प्रभावशीलता से संपन्न हो।
2 . यज्ञ कुण्ड सेट एवं विधि पुस्तक : (लोहा / Iron )
यज्ञ कुंड (जिसे हवन कुंड या अग्नि कुंड भी कहा जाता है) यह देवताओं व दिव्य शक्तियों को अर्पण (आहुति) देने का प्रमुख केंद्र होता है। यज्ञ कुंड को वैदिक नियमों के अनुसार तैयार किया जाता है ताकि अनुष्ठान शुद्धता और प्रभावशीलता से संपन्न हो।
महत्वपूर्ण सुचना :
विषय में जिनको शंका अथवा अश्रध्दा हो , वे पंजीकरण न करें ! अश्रध्दा और शंका के भाव से किये गए कर्म का फल शुभ नही होता ! स्वामी रुपेश्वरानंद जी के मार्गदर्शन में किये जा रहे अनुष्ठान , उपासना, कर्मकांड आदि से अनेक श्रध्दालुओं को लाभ हो रहे है और उसके प्रत्यक्ष प्रमाण भी उपलब्ध है ! फिर भी आश्रम की ओर से किसी को बाध्य नही किया जाता है, केवल जिन्हें श्रध्दा हो , वे भी पंजीकरण करें !
आश्रम की ओर से भी पूर्ण विश्वास और विधि से कर्म संपन्न कराये जाते है !
यज्ञ कुंड सेट, आदि की दक्षिणा नॉन - रिफंडएबल है !
यज्ञमान बनने हेतु यज्ञमान पंजीकरण शुल्क जमा कर रसीद का स्क्रीनशॉट आश्रम वाट्सएप सेवा नंबर : 7607233230 पर भेजें अथवा यज्ञमान गूगल फॉर्म भरकर भेजें !
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