II राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान II
विश्व में वर्तमान में घटित घटनाओं से शिक्षा ग्रहण करते हुए हमारे भारत देश तथा समस्त विश्व में रहनेवाले सनातन धर्मावलम्बी भारतीयों की दैवीय सुरक्षा हेतु श्रध्देय #स्वामी #रूपेश्वरानन्द जी महाराज के मार्गदर्शन में *राष्ट्र रक्षा महायज्ञ के अंतर्गत सभी श्रध्दालुओं को निम्नलिखित संकल्प के साथ अपने निवास स्थान पर नित्य प्रातःकाल 5 बजे से , मध्यान्ह 2 बजे से अथवा रात्री को 9 बजे के उपरान्त नवार्ण मंत्र का रूद्राक्ष / लाल चन्दन / स्फटिक की माला से 10 माला जप करना है।
निम्नलिखित संकल्प के साथ जप करने से श्रध्दालुओं के साथ-2 समस्त सदाचारी सनातन धर्मावलम्बी भारतीयों को दैवीय कृपा एवं सुरक्षा प्राप्त होगी। जापक को इस अनुष्ठानकाल में सात्विक आहार विहार करना चाहिए ।
हाथ में जल लेकर निम्न संकल्प पढ़ें–
मैं (........अपना नाम) नामक उपासक/ उपासिका अपने निवास स्थान पर श्रद्धेय स्वामी रूपेश्वरानंद जी के मार्गदर्शन एवम् नेतृत्व में *" राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान" में सहभागी उपासक/ उपासिका के रूप में मेरे राष्ट्र भारतवर्ष के ज्ञात अज्ञात शत्रुओं का दमन करने हेतु, मुझे सपरिवार दैवीय संरक्षण प्राप्ति हेतु, सनातन धर्म एवम् संस्कृति के उत्थान एवम् पुनः संस्थापन हेतु, भारत देश में विद्यमान धर्मानुरागी संत एवम् साधुजनों के दैवीय रक्षण हेतु तथा श्री आदिशक्ति मां भगवती चामुण्डा की कृपा प्राप्ति हेतु आज से....दिन तक नित्य 10 माला नवार्ण मंत्र जप करने का संकल्प करता/ करती हूं। मां भगवती मुझ पर प्रसन्न होवें और मेरा यह शुभ संकल्प पूर्ण करें।*
हाथ का जल पूजन की थाली अथवा भूमि पर छोड़ दें।
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विशेष :
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1- इस अनुष्ठान मे किसी भी शुभ दिन से भाग ले सकते है। जप का संकल्प 21, 40 अथवा 100 दिन का ही लेना है।
2- जप संख्या 10 माला से कम अथवा अधिक रखी जा सकती है। परन्तु 10 माला जप पर्याप्त है।
3- इस अनुष्ठान काल में सात्विक आहार ग्रहण करें। मांस, अण्डा आदि पाशविक आहार न करे। आपातकालीन स्थिती में लहसून , प्याज की छूट रहेगी।
4- नवार्ण मंत्र के उच्चारण में *ऐम् ह्रीम् क्लिम् चामुण्डायै विच्चे ( aim hrim klim chamundayai vichche ) ही पढें।
5- जप, अनुष्ठान अथवा नवार्ण मंत्र के विषय में अधिक जानकारी के लिए Swami Rupeshwaranand इस लिंक के माध्यम से यूट्यूब चैनल पर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है। अथवा Swami Rupeshwaranand नाम से Google मे सर्च करे।
6- राष्ट्र रक्षा अनुष्ठान के अंतर्गत श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के द्वारा विश्व समाज की आपातकालीन स्थिति देखकर दैवीय प्रेरणा से यह अनुष्ठान आरम्भ किया गया है ! अतः इस संकल्प के अंतर्गत श्री नवार्ण मन्त्र का १० माला से अधिक जप न करे ..अधिक जप करने के इच्छुक सदस्य श्री नवार्ण मन्त्र की दीक्षा लेकर ही जप करें !