|| तांत्रोक्त श्री विपरित महा प्रत्यंगिरा हवन  ||
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श्री विपरित प्रत्यंगिरा ही एक ऐसी महाविद्या है , जो दुष्ट तांत्रिकों अथवा शत्रुओं द्वारा की गई तांत्रिक क्रियाओं को वापस शत्रुओं पर भेजकर उस दुष्ट शत्रु को ही नष्ट कर देती है ! श्री विपरित प्रत्यंगिरा यह दैवी उपासना तंत्र बाधा, प्रेत बाधा , ग्रह बाधा जैसी दैवी बाधाओं से मुक्ति देने में प्रभावशाली और कल्याणकारी है !

स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम” पर प्रत्येक ”अमावस्या और पूर्णिमा” पर ” तांत्रोक्त श्री विपरित प्रत्यंगिरा यज्ञ” पूज्य स्वामीजी के माध्यम से किया जाता है  ! इस यज्ञ में पूज्य स्वामीजी और आश्रम के साधकों द्वारा ग्रहणकाल जैसे सिध्दकाल में  सिद्ध किये हुए विशेष तांत्रिक मन्त्रों द्वारा विधिवत हवन किया जाता है ! 

इस यज्ञ में पंजीकृत व्यक्ति का  नाम गोत्र माता -पिता एवं स्थान का संकल्प में उल्लेख कर माँ भगवती प्रत्यंगिरा जी के तांत्रोक्त मन्त्र का जप एवं हवन किया जाता है ! 

श्रध्दालु को अपना नाम पंजीकरण कर अपना विवरण ( Details ) भेजना है ! साथ ही एक फोटो भी भेज सकते है !

स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम” पर प्रत्येक ”अमावस्या और पूर्णिमा” पर ” तांत्रोक्त श्री विपरित प्रत्यंगिरा यज्ञ” पूज्य स्वामीजी के माध्यम से किया जाता है  ! इस यज्ञ में पूज्य स्वामीजी और आश्रम के साधकों द्वारा ग्रहणकाल जैसे सिध्दकाल में  सिद्ध किये हुए विशेष तांत्रिक मन्त्रों द्वारा विधिवत हवन किया जाता है ! 

इस यज्ञ में पंजीकृत व्यक्ति का  नाम गोत्र माता -पिता एवं स्थान का संकल्प में उल्लेख कर माँ भगवती प्रत्यंगिरा जी के तांत्रोक्त मन्त्र का जप एवं हवन किया जाता है ! 

श्रध्दालु को अपना नाम पंजीकरण कर अपना विवरण ( Details ) भेजना है ! साथ ही एक फोटो भी भेज सकते है !

विवरण (Details ) क्या भेजें :  श्रध्दालु का नाम पिता का नाम माता का नाम गोत्र ( यदि पता हो तो ) स्थान का पता ( गाँव / नगर जिला प्रदेश )मोबाइल नंबर और एक नया फोटो यह विवरण ईमेल करें अथवा Mo.No. 7607233230 पर वाट्सएप करें !

आश्रम में प्राप्त हुई दक्षिणा अथवा पंजीकरण शुल्क का रिफंड नहीं किया जाता है ! 

महत्वपूर्ण सुचना : आश्रम से श्रध्दालुओं के कल्याण हेतु पूर्ण विधि-विधान श्रध्दा और विश्वास के साथ के हवन -पूजन कराया जाता है ! अपनी ओर से पूर्ण ईमानदारी और कल्याण की भावना से यज्ञ – हवन आदि कराया जाता है !  इस हेतु आश्रम किसी भी प्रकार से श्रध्दालुओं को बाध्य नही करता और न ही लाभ या हानि का आश्वासन देता है ! यज्ञ में भाग लेने का निर्णय श्रध्दालु के विश्वास और विवेक पर निर्भर है ! जिन्हें आश्रम की गतिविधियों पर एवं ऋषि मुनियों के मंत्र विज्ञान पर विश्वास में कमी हो , संशय हो , वे कृपया पंजीकरण न करें !


पंजीकरण शुल्क / दक्षिणा : 5100 /- Rs. 

 Google Pay/ Phonepe/ Paytm No. 981 7777 108  

 Google Pay/ Phonepe/ Paytm No.  7607 233 230 

 UPI ID :   9817777108@hdfcbank  

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कठिन तंत्र क्रिया अथवा प्रयोग निवारण हेतु विशेष विपरीत प्रत्यंगिरा प्रयोग कराया जाता है .......इस हवन हेतु आश्रम नंबर पर कॉल कर जानकारी प्राप्त करे ....

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