समस्त भारत , स्वच्छ भारत , स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत
श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के पावन सान्निध्य में
गाँव - गाँव, नगर - नगर, समस्त भारत
नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र
की स्थापना एवं सञ्चालन हेतु सभी श्रध्दालु आमंत्रित है ......!!!!
नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र की स्थापना का क्या उद्देश्य है ?
1 - ऋषि मुनियों के " सर्वे सन्तु निरामया: " अर्थात " सभी स्वस्थ रहे " के भाव को जन-2 में प्रस्थापित करने हेतु समस्त भारत वर्ष के नागरिकों को , भारतीय संस्कृति का पालन करते है और अपनी संस्कृति पर गर्व करते है , शरीर , मन , बुध्दि और आत्मा से स्वस्थ रखने के उद्देश्य से नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र की समस्त भारत में गाँव - गाँव . नगर - नगर में श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में स्थापना की जा रही है !
2 - नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र में योग अभ्यास , सूर्य नमस्कार , दंड - बैठक आदि व्यायाम , श्री बजरंग बाण का पठन , संस्कृत श्लोक - स्तोत्र आदि का उच्चारण करना सिखाया जाएगा !
3 - नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र की स्थापना किसी भी व्यक्ति के आवास ( हॉल अथवा छत आदि ) , पार्क , स्कुल मैदान अथवा किसी मंदिर आदि के प्रांगन ( मैदान ) में किया जा सकेगा !
4 - नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र का संचालन कोई भी क्षेत्रीय श्रध्दालु का कर सकेगा ! संचालक को स्वामी रुपेश्वरानंद के नेतृत्व में ऑनलाइन अथवा प्रत्यक्ष प्रशिक्षण दिया जाएगा ! यह प्रशिक्षण नि:शुल्क होगा !
5 - नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र में आनेवाले किसी भी श्रध्दालु से कोई शुल्क अथवा फीस नहीं ली जायेगी ! केंद्र सञ्चालन हेतु कोई भी श्रध्दालु स्वेच्छिक दान देने के लिए स्वतंत्र होंगे !
नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र की अपने गाँव अथवा नगर में स्थापना एवं सञ्चालन के लिए क्या करें ?
1- नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र में की अपने क्षेत्र में , गाँव , नगर में स्थापना एवं संचालन करने हेतु निम्नलिखित प्रशिक्षक / संचालक फॉर्म भरकर भेजें ! अथवा मो. न. +91 - 7607 233 230 पर वाट्सएप सन्देश भेजें ! फोन भी कर सकते है ! मोबाइल न. +91- 7607 233 230, calling समय : 10 am to 6 pm
नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र की अपने गाँव अथवा नगर में स्थापना एवं सञ्चालन के नियम / शर्त क्या है ?
1- नि:शुल्क योग व्यायाम केंद्र के प्रशिक्षक / संचालक का भारतीय सनातन संस्कृति के प्रति आस्थावान होना चाहिए !
2- समाज कल्याण , राष्ट्र हित , सेवा भाव से केंद्र सञ्चालन का इच्छुक होना चाहिए !
3- श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी के मार्गदर्शन में आस्थावान हो !