आगामी आश्रम कार्यक्रम सुचना - 1
|| श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ||
प्रवक्ता : श्री पीताम्बरा सिध्दपीठाचार्य श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी
( आत्मिक कल्याण एवं पूर्वजों की मुक्ति हेतु तथा पितृदोष का निवारण करने हेतु एक दिव्य आयोजन )
दिनांक : 1 मई से 7 मई 2024
एवं
दिनांक : 8 मई से 14 मई 2024
स्थान : स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम, चन्दौली, वाराणसी , उत्तरप्रदेश
यह भागवत कथा सप्ताह एक साधनात्मक प्रयोग होगा , जिसका उद्देश्य केवल आत्मिक कल्याण एवं पितृओं की मुक्ति एवं सद्गति करना होगा ! प्रवचन और संगीत आदि से अलग एक शास्त्रोक्त विधि विधान के साथ भागवत महापुराण का पठन पाठन होगा ! तथा वास्तविक रूप से भागवत कथा क्या है और किसलिए इसका प्रयोग किया जाता है , यह इस आयोजन में देखने और समझने को मिलेगा ! पितृओं की मुक्ति और सद्गति का यह एक दिव्य प्रयोग का आयोजन है !
भागवत कथा सप्ताह में यज्ञमान बनने के इच्छुक श्रध्दालु यज्ञ दक्षिणा जमा कर पंजीकरण फॉर्म भरकर भेजें !
अधिक जानकारी के लिए आश्रम के वाट्सएप नंबर +91 - 7607 233 230 पर Whatsapp sms अथवा कॉल करें !
आगामी आश्रम कार्यक्रम सुचना - 2
|| सर्व पितृ शांति महायज्ञ ||
स्थान : Online / Offline स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , बलुआ, चंदौली - वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )
दिनांक : 1 मई से 8 मई 2024
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से " सर्व पितृ शांति शिविर " के माध्यम से ऋषि - मुनियों द्वारा प्रदस्त्त मन्त्र आदि विज्ञान के माध्यम से जन समाज को श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी द्वारा पितृदोष से होने वाली समस्याओ का समाधान कराया जाता है !
संपर्क : 7607 233 230
Whatsapp No. : 7607 233 230
आगामी आश्रम कार्यक्रम सुचना - 3
|| श्री महाकाल अखण्ड महायज्ञ ||
स्थान : स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , बलुआ, चंदौली - वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )
दिनांक : 1 मई से 15 मई 2024
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से " श्री महाकाल अखण्ड महायज्ञ " के माध्यम से ऋषि - मुनियों द्वारा प्रदस्त्त मन्त्र आदि विज्ञान के माध्यम से जन समाज को श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी द्वारा तंत्रदोष, प्रेतदोष, दैवीय समस्या से होने वाली परेशानियों का समाधान कराया जाता है !
संपर्क : 7607 233 230
Whatsapp No. : 7607 233 230
आगामी आश्रम कार्यक्रम सुचना - 4
|| दैवीय समस्या समाधान शिविर ||
ऑनलाइन दैवीय समस्या समाधान एवं मार्गदर्शन ( स्वामीजी के सान्निध्य में )
दिनांक : 1 से 3 मई , 4 से 6 मई , 7 से 9 मई , 10 से 12 मई , 12 से 14 मई, 2024
स्थान : Online / Offline स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , बलुआ, चंदौली - वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से " दैवीय समस्या समाधान एवं मार्गदर्शन शिविर " के माध्यम से ऋषि - मुनियों द्वारा प्रदस्त्त मन्त्र आदि विज्ञान के माध्यम से जन समाज को श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी द्वारा उनकी दैवीय समस्याओं का समाधान एवं मार्गदर्शन दिया जाता है !
अप्रत्यक्ष (ऑनलाइन) शिविर शुल्क : 3100 /-
संपर्क : 7607 233 230
Whatsapp No. : 7607 233 230
आगामी आश्रम कार्यक्रम सुचना - 5
|| मंत्र साधना एवं दीक्षा शिविर ||
स्थान : Online / Offline स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , बलुआ, चंदौली - वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )
दिनांक : 1 से 3 मई , 4 से 6 मई , 7 से 9 मई , 10 से 12 मई , 12 से 14 मई, 2024
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से " मंत्र साधना एवं दीक्षा शिविर " के माध्यम से ऋषि - मुनियों द्वारा प्रदस्त्त मन्त्र आदि विज्ञान के माध्यम से जन समाज को श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी द्वारा मंत्र साधना, दीक्षा एवं मार्गदर्शन दिया जाता है !
संपर्क : 7607 233 230
Whatsapp No. : 7607 233 230
आगामी आश्रम कार्यक्रम सुचना - 6
|| जन्म कुंडली विश्लेषण शिविर ||
स्थान : Online / offline स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , बलुआ, चंदौली - वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )
दिनांक : 1 से 3 मई , 4 से 6 मई , 7 से 9 मई , 10 से 12 मई , 12 से 14 मई, 2024
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से " जन्म कुंडली विश्लेषण शिविर " के माध्यम से ऋषि - मुनियों द्वारा प्रदस्त्त मन्त्र आदि विज्ञान के माध्यम से जन समाज को श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी द्वारा जन्म कुंडली विश्लेषण एवं मार्गदर्शन दिया जाता है !
संपर्क : 7607 233 230
Whatsapp No. : 7607 233 230
श्री भगवती बगलामुखी ब्रह्मास्त्र मंत्र से युक्त
परतंत्र भक्षिणी श्री महा प्रत्यांगिरा दैवीय प्रयोग
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की पावन भूमि पर श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में परतंत्र भक्षिणी श्री महा प्रत्यांगिरा दैवीय प्रयोग का आयोजन किया जा रहा है , जिसमें शास्त्रोक्त पध्दति एवं पूर्ण विधि विधान के साथ अनुष्ठानपूर्वक #जप एवं #हवन कराएं जायेंगे !
जो भी श्रद्धालु दैवीय समस्याओं से ग्रसित है , तंत्र आदि बाधाओं से ग्रसित है उनके कल्याणार्थ श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में शास्त्रोक्त विधि विधान के साथ समस्या समाधान परक प्रयोग एवं जप - आदि किये जायेंगे , जिसमे मुख्य रूप से तंत्र बाधाओं के काट के लिए भगवती श्री प्रत्यंगिरा का जप एवं हवन किया जाएगा ! साथ ही अन्य आवश्यक उपाय भी विधि विधान के साथ किये जायेंगे ....
यज्ञ में सहभागी / सहयोगी बनने के इच्छुक श्रध्दालु आश्रम के वाट्सएप नंबर +91 - 760 7233 230 पर Whatsapp sms करें अथवा कॉल करें ! कोई प्रश्न अथवा समस्या हो तो लिखकर भेजें !
|| आश्रम द्वारा संचालित धार्मिक पूजन सेवा ||
मृतक पूर्वजों का अंतिम संस्कार ठीक नही हुआ तो उनको “ प्रेत योनी ” प्राप्त होती है ! पितरों के निमित्त श्राध्द – तर्पण न करें , तब भी “ पितृदोष” उत्पन्न होता है ! श्राध्द -तर्पण की क्रियाएँ भी विधिवत न हुई हो तो भी पितृदोष उत्पन्न होता है ! पितृदोष का दुष्परिणाम अत्यंत कष्टकारक होता है ! अचानक विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होना , घर में क्लेश बना रहना , संतान कुमार्गगामी हो जाना , विवाह की आयु होने पर भी संतान का विवाह न होना , अचानक दुर्घटनाए होना , आवक अच्छी होने पर भी घर में घन और धान्य की कमी रहना आदि अनेक दोष इसी पितृदोष के कारण उत्पन्न होते है ! प्रेतबाधा होना भी पितृदोष का ही दुष्परिणाम होता है ! अतृप्त पूर्वज प्रेतयोनी की अधोगति को प्राप्त हो जाते है और अपने वंशजों को कष्ट पहुचातें है !
अतः पितृओ के निमित्त श्राध्द – तर्पण करना प्रत्येक गृहस्थ का दायित्व और कर्त्तव्य है ! इस कर्तव्य से विमुख गृहस्थ अपने गृहस्थ जीवन में कष्ट पाता ही है ! मैंने अपने जीवन में अनेक पीड़ितों के जीवन में यह सब प्रत्यक्ष अनुभव किया है !
“नारायण बलि” का विधान तब किया जाता है , जब कोई ज्ञात मृतक आत्मा को प्रेतत्व से मुक्ति दिलानी हो ! ज्ञात मृतक आत्मा का अर्थ है , जिसका नाम और गोत्र पता हो तथा उसके मृत्यु का कारण पता हो ! इसके अतिरिक्त जो मृतक आत्मा स्वप्न के माध्यम से बार-2 दर्शन देकर अपने मुक्ति के लिए प्रार्थना करती हो , अथवा जो स्वप्न में कष्ट में होने का संकेत देती हो , उसके निमित्त भी नारायण बलि का विधान बताया गया है ! नारायण बलि का अर्थ है की , किसी प्रेतत्व को प्राप्त ज्ञात आत्मा के निमित्त भगवान नारायण एवं उनके गण , पार्षद आदि का आवाहन , पूजन और तर्पण करना तथा उस आत्मा की मुक्ति अथवा सद्गति की प्रार्थना करना ! एक प्रकार से ” नारायण बलि ” के कर्मकांड से उस प्रेतात्मा को भगवान नारायण के चरणों में समर्पित कर देना , भगवान नारायण को बलि के रूप में प्रदान करने को ” नारायण बलि ” कहते है !
II आगामी पूजन कार्यक्रम II
तिथी : आगामी अमावस्या एवं पूर्णिमा
स्थान : वाराणसी एवं हरिद्वार
संपर्क : 7607 233 230
घर परिवार की समस्त नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने हेतु
समस्त तंत्रदोष , प्रेत दोष आदि दैवीय समस्याओं का समाधान
श्री महाकाल यज्ञ कराएँ .....
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की पावन भूमि पर श्रध्देय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में जनकल्याण हेतु तंत्रदोष, प्रेत बाधा दोष निवाफ्रण हेतु
अखण्ड श्री महाकाल यज्ञ का आयोजन किया जाता है , जिसमें शास्त्रोक्त पध्दति एवं पूर्ण विधि विधान के साथ अनुष्ठानपूर्वक #जप एवं #हवन कराया जाता है !
श्री अखण्ड महाकाल यज्ञ में यज्ञमान के कल्याण हेतु एवं दोष निवारण हेतु भगवान श्री महाकाल एवं उनके गणों का आवाहन, पूजन , हवन किया जाएगा और नारियलों की बलि जाती है !
कोई भी श्रध्दालु पंजीकरण कर दक्षिणा जमा कर सकते है !
यज्ञ में सहभागी / सहयोगी बनने के इच्छुक श्रध्दालु आश्रम के वाट्सएप नंबर +91 - 7607 233 230 पर Whatsapp sms करें !
तंत्र बाधा , प्रेत दोष निवारण तथा दैवीय सुरक्षा हेतु प्राप्त करे .......
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से
मंत्र सिद्ध एवं अभिमंत्रित यज्ञ भस्म एवं देव भस्म वितरण
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , श्री पीताम्बरा सिद्ध पीठ में अखंड यज्ञ अग्नि में नित्य श्री हनुमान जी , श्री काल भैरव जी , श्री पीताम्बरा एवं श्री प्रत्यंगिरा का जन कल्याण के लिए तंत्र बाधा निवारण एवं प्रेत दोष निवारण हेतु शास्त्रोक्त हवन किया जाता है ! यह हवन भारतीय गाय का शुद्ध घी , शुद्ध हवन सामग्री एवं शुद्ध दैवीय वृक्ष समिधाओं के द्वारा किया जाता है ! इस हवन कुंड में निरंतर यज्ञ अग्नि प्रज्वलित रहती है ! इस अखंड यज्ञ अग्नि का स्थापना का उद्देश्य प्रेत दोष से पीड़ित , दैवीय बाधा से बाधाग्रसित जन समाज के कष्टों का निवारण करना है ! शास्त्र विधि अनुसार जप , यज्ञ आदि से दैवीय बाधाओं का शमन किया जा सकता है !
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम , श्री पीताम्बरा सिद्ध पीठ में निरंतर प्रज्वलित अखंड यज्ञ अग्नि में नित्य जपसहित यज्ञ के द्वारा दिव्य यन्त्र, एवं विग्रह भी सिद्ध किये जाते है ! साथ ही यज्ञ अग्नि से प्राप्त दिव्य भस्म एवं अभिमंत्रिटी जल के प्रयोग भी दैवीय बाधाओं का शमन होता है ! अनेक श्रध्दालु लाभान्वित हुए है ! यह दिव्य यज्ञ भस्म एवं अभिमंत्रित जल स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम के द्वारा जन समाज को उपलब्ध की जा रही है ! श्रध्दालु अब अपने घर पर ही पोस्ट द्वारा यह दिव्य प्रसाद प्राप्त कर सकते है !
दक्षिणा : 1100 /-
संपर्क : 7607 233 230
II श्री बजरंग बाण दिव्यास्त्र प्रयोग II
( एक दैवीय संरक्षण का आध्यात्मिक अभियान )
राष्ट्र के सर्वांगीण उन्नति , समाज की दैवीय आपदाओं से रक्षा , दुष्ट शक्तियों का दमन , सज्जनों की उन्नति एवं सुरक्षा , तंत्र मन्त्र दोष निवारण एवं पारिवारिक उन्नति हेतु श्रध्येय स्वामी रुपेश्वरानंद जी महाराज के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रति रविवार प्रातः ५ बजे श्री बजरंग बाण के 108 पाठ करने का अनुष्ठान किया जा रहा है , जिसमे अनेक श्रध्दालु गण अपने घर में यह अनुष्ठान करते है ! इससे राष्ट्र कल्याण के साथ - २ घर , परिवार की बाधाएं दूर होती है ! श्री हनुमान जी की दैवीय कृपा प्राप्त होती है ! लाखों श्रध्दालुओं को लाभ हो रहे है और वे नित्य भी 11 अथवा 21 पाठ श्री बजरंग बाण का कर रहे है ! स्वामी रुपेश्वरानंद चैनल के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई है ! चैनल देखने के लिए क्लिक करें ..
विशेष साधक श्री राम रक्षा स्तोत्र सिद्ध कर लें ! इससे उन्हें पूर्ण दैवीय सुरक्षा प्राप्त होगी !
श्रध्दालुओं के अनुभव
स्वामी रुपेश्वरानंद चैनल
स्वामी रुपेश्वरानंद चैनल से सम्पूर्ण विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से अनेक श्रध्दालु जुड़ें हुए है तथा कल्याण के भागी बन रहे है !
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम की ओर से नारायण बलि , त्रिपिंडी श्राध्द , मंत्र साधना शिविर , मन्त्र अनुष्ठान , प्रत्यंगिरा यज्ञ - हवन आदि धार्मिक अनुष्ठान किये जाते है ! इस विषय में कोई जिज्ञासा अथवा प्रश्न हो तो लिखकर भेज सकते है ...
स्वामी रुपेश्वरानंद आश्रम के सदस्य बनने हेतु फॉर्म भरकर भेजें ...इस गूगल फॉर्म को भेजने के उपरान्त आश्रम से संपर्क किया जाएगा !
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